अमरबेल Cuscuta Reflexa
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अमरबेल के बारे में लगभग हर व्यक्ति जानता है लेकिन इसके औषधीय गुणों के बारे में कम लोग जानते हैं। विभिन्न प्रकार के रोगों को दूर करने में यह कारगर है। इसके गुणों की प्रशंसा जितनी भी की जाए कम ही है। यह बिना जड़ वाला पीले रंग का परजीवी पौधा है जो पौधों या पेड़ों चढ़ा हुआ मिल जाता है। इसमें सफेद फूल खिलते हैं जो गुच्छों में होते हैं। जिस पेड़ पर यह बेल चढ़ जाती है वह पेड़ सूख जाता है। पर्णहरिम के अभाव के चलते इसकी पत्तियां पीली दिखाई देती हैं। इसका वानस्पतिक नाम कस्कूटा रिफ़्लेक्सा (Cuscuta Reflexa) है।
अमरबेल के औषधीय गुण
खुजली की कारगर दवा
- अमरबेल को पीसकर लगा देने से किसी भी प्रकार की खुजली ख़त्म हो जाती है।
- बरसात या जाड़े में उंगलियों के बीच सफेद होने, खुजलाने या घाव होने पर इसके पौधे का रस दिन में 5-6 बार लगाने से राहत मिलती है।
दर्द व घाव
- सोंठ व घी के साथ अमरबेल के चूर्ण को मिलाकर लेप करने या इसके बीजो को पीसकर लगाने से पुराना घाव ठीक हो जाता है।
- इसके काढ़ा से घाव धोने पर घाव पकता नहीं है, यह टिंक्चर का काम करता है।
- शहद व घी में अमरबेल को कूंचकर मिला लें और घावों पर लगाएं तो घाव जल्दी भरता है। यह एंटीसेप्टिक की भाँति कार्य करता है।
- अमरबेल के पौधे व बीज को कूंचकर गठिया वाले हिस्से पर बांधने से तुरंत दर्द चला जाता है और मरीज को राहत मिलती है।
- इसे पानी में उबालकर सिंकाई करने से सूजन चला जाता है और दर्द में राहत मिलती है।
- पेट दर्द, पेट फूलने व आफरा होने पर इसके बीजों को जल में उबाल लें और पीसकर गाढ़ा लेप बना लें। इस लेप को पेट पर लगाने से पेट की पीड़ा चली जाती है।
बालों के रोग
- आम के पेड़ पर चढ़ी अमरबेल को पानी में उबालकर उसी पानी से स्नान करने से पुन: बाल उगने लगते हैं और गंजापन दूर होता है।
- सिर पर बाल कम हैं या बिल्कुल ही नहीं हैं तो अमरबेल को कूटकर तिल के तेल में 20 मिनट उबाल लें। इस तेल को नियमित सिर पर लगाने से बालों का झड़ना कम होता है और नये सिरे से बाल
- उगने शुरू हो जाते हैं।
- बालों को लंबा करने के लिए एक पाव अमरबेल लें और इसे लगभग तीन लीटर पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो इससे सुबह बालों को धोएं। बाल लंबे होने लगेंगे।
अन्य औषधीय प्रयोग
- अमरबेल की कोमल ताज़ी फलियों के साथ तुलसी की चार-पांच पत्तियां चबा-चबाकर चूसने से खून की ख़राबी दूर होती है।
- अमरबेल के पत्तों के रस का सेवन मूत्र विकार से निजात दिलाता है।
- इसके फूलों का गुलकंद बनाकर खाने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।
- अमरबेल के पत्तों के रस में सादा नमक मिलाकर मलने से दांत चमकीले होते हैं।
- चेहरे पर इसकी टहनी का दूध लगाने से चेहरा निखर जाता है।