नागरमोथा Cyperus Scariosus
Additional Info
नागरमोथा और पित्तपापड़े का काढ़ा 20-40 ग्राम की मात्रा में पीने से शीत ज्वर कम होता है और भोजन को पचाने की शक्ति मिलती है। नागरमोथा 10 ग्राम, सौंठ 10 ग्राम और चिरायता 10 ग्राम को मिलाकर काढ़ा बना लें। इस काढे़ का सेवन करने से कफ, वात, आम और बुखार आदि बीमारियां दूर हो जाती हैं।