अरीठा Sapindus Trifoliatus. Mukorossi )
Additional Info
रीठा का इस्तेमाल भारत में सदियों से किया जाता रहा है। इसे बालों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है और इसी वजह से ब्यूटी इंडस्ट्री के कई प्रोडक्ट्स में इसको शामिल किया जाता है। आयुर्वेद में रीठा से बनी औषधियों के बारे में विस्तार से बताया गया है। यह बालों के अलावा, कपड़ों को धोने के भी काम आता था, जिस वजह से इसका नाम इंडियन सॉपबेरी (Indian Soapberry) भी कहा जाता है। लेकिन, इन विशेषताओं के साथ इसमें स्वास्थ्यवर्धक गुण भी मौजूद होते हैं, जो कि आपको कई स्वास्थ्य समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करते हैं। यह भारत में आसानी से पाया जाता है और इसका वैज्ञानिक नाम सैपिन्डस मूकोरोस्सी (Sapindus Mukorossi) है। इसके फल, शेल, जड़ और तने का इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें एंटी-बैक्टीरियल, इंसेक्टीसाइडल, स्पर्मीसाइडल, एंटी-ट्रायकोमोनस, एंटी-कैंसर, हीपेटोप्रोटेक्टिव, फंगीसाइडल, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
उपयोग कपड़े धोने के लिए
सूखे रीठा में सैपोनिन बहुतायत मात्रा में होता है, जो कि इसके फल के गुदे में मौजूद होता है। सैपोनिन साबुन का एक बेहतरीन विकल्प होता है और प्रभावशाली डिटेर्जेंट बनाने में मदद करता है। वहीं, भारत के ग्रामीण इलाकों में रीठा को गर्म व सामान्य कपड़े धोने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस वजह से यह एक अतिरिक्त फायदा भी देता है, जो कि स्किन डिजीज से बचाव है। क्योंकि, आजकल मार्केट में मौजूद केमिकलयुक्त डिटेर्जेंट से त्वचा संबंधित कई संक्रमण हो सकते हैं और रीठा आपकी सेहत के लिए बिल्कुल सुरक्षित है। कई जगहों पर इसे गहने साफ करने के लिए भी उपयोग में लाते हैं।
बुरी आदतों को छोड़ने के लिए
रीठा के इस फायदे के बारे में बहुत कम लोग ही जानते होंगे। लेकिन आपको बता दें कि, इसके इस्तेमाल से धूम्रपान व तंबाकू उत्पादों के इस्तेमाल की बुरी आदत को आसानी से छुड़ाया जा सकता है। क्योंकि, इससे उन्हें तंबाकू का सेवन करने की इच्छा कम होती है।
बाल गिरने की समस्या
बालों के लिए रीठा की उपयोगिता किसी को बताने की जरूरत नहीं है। दादी-नानी के नुस्खे हों या फिर टीवी में आ रहे शैंपू के विज्ञापन, हर जगह रीठा के फायदों को जोर देकर बताया जाता है। बालों और सिर की त्वचा को रीठा अच्छी तरह से साफ करता है, जिससे उन्हें पोषण और ऑक्सीजन मिल पाता है और बाल मजबूत बनते हैं और कम टूटते हैं।
डैंड्रफ की समस्या
रीठा में मौजूद क्लिनिंग प्रोपर्टी सिर की त्वचा को साफ करके वहां मौजूद मृत कोशिकाओं और अतिरिक्त तेल को साफ करने में मदद करते हैं, जिससे डैंड्रफ की समस्या खत्म हो जाती है। डैंड्रफ खत्म होने से आपको सिर में हो रही खुजली से भी निजात मिलती है और बाल स्वस्थ होते हैं।
कीड़े-मकौड़े, बिच्छु आदि का डंक लगना
अगर किसी को खतरनाक कीड़े-मकौड़े, बिच्छु आदि का डंक लग जाता है, तो इस समस्या से निकलने के लिए रीठा का उपयोग किया जा सकता है। क्योंकि, इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो डंक या जहर आदि की वजह से होने वाली सूजन और संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं।
स्किन इंफेक्शन की समस्या
रीठा में इंसक्टीसाइडल, एंटी-बैक्टीरियल, एंटीमाइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जिस वजह से यह कई प्रकार की त्वचा संबंधित समस्याओं या संक्रमणों से राहत दिलाने में मदद करता है। आयुर्वेद के मुताबिक भी, रीठा का इस्तेमाल एक्जिमा और सोरायसिस इंफेक्शन जैसी स्किन डिजीज के निवारण के लिए किया जाता है।
घावों को ठीक करने के लिए
एक स्टडी के मुताबिक, रीठा के बीज से निकले तेल से घावों को जल्दी ठीक करने में सहायता मिलती है। जब घाव पर रीठा के बीज से निकले तेल को लगाया गया, तो देखा गया कि नए टिश्यू के निर्माण, सूजन घटने और घाव के अंदर से ठीक होने की प्रक्रिया काफी जल्दी हुई।
अन्य उपयोग-
माइग्रेन का दर्द से राहत
खांसी का इलाज
दस्त से राहत
वीर्य विकार
पेशाब के रोग
खूनी बवासीर में लाभदायक
शराब का नशा उतारने के लिए
चेहरा धोने के लिए
हिस्टेरिया की समस्या, आदि
रीठा लेने या उपयोग करने की सही खुराक क्या है?
रीठा की खुराक हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकती है। जो कि आपकी उम्र, लिंग, स्वास्थ्य व अन्य कारणों पर निर्भर करती है। इसलिए, अपने लिए इसकी सही खुराक का पता करने के लिए किसी डॉक्टर या हर्बलिस्ट की मदद लें। वह आपके स्वास्थ्य व मेडिकल हिस्ट्री का अध्ययन करके आपको उचित सलाह दे पाएंगे।