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गिलोय पाउडर Tinospora cordifolia

गिलोय पाउडर Tinospora Cordifolia

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गिलोय के फायदे (Benefits of Giloy)
गिलोय में टरपेनोइड्स, एल्कलॉइड, ग्लाइकोसाइड्स, फेनोलिक्स और अन्य कई प्रकार के तत्व पाए जाते हैं, जो कई अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। गिलोय से प्राप्त होने वाले स्वास्थ्य लाभों में प्रमुख रूप से निम्न शामिल है -

1. गिलोय बनाए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत
आयुर्वेद के अनुसार शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए गिलोय काफी प्रभावी है, जिससे कई प्रकार के संक्रमणों से रोकथाम मिलती है। इसपर कुछ अध्ययन किए गए जिनमें पाया गया कि गिलोय का सेवन करने से कई रोगजनकों की वृद्धि को रोकने में मदद मिलती है।

2. गिलोय से भगाएं बुखार को दूर
आयुर्वेद के अनुसार गिलोय बुखार का रामबाण इलाज है और इससे बुखार की गंभीर से गंभीर स्थिति का इलाज किया जा सकता है। वहीं कुछ अध्ययन भी किए गए जिनमें पाया गया कि गिलोय में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर में ऐसी कई समस्याओं को विकसित होने से रोकते हैं, जो बुखार का कारण बन सकती हैं।

3. एलर्जी के लक्षणों को कम करने के लिए गिलोय के लाभ
गिलोय पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि इसमें टीनोफेंड (Tinofend) नामक खास तत्व पाया जाता है, जो छींक आना, नाक बंद होना और नाक में खुजली जैसे लक्षणों को कम करने में मदद करती है।

4. गिलोय के सेवन से ब्लड शुगर कम करने में मदद
आयुर्वेद व अन्य कई प्राचीन चिकित्सा प्रणालियों के अनुसार यदि गिलोय की बेल को पानी में उबालकर उसे ठंडा करके सेवन किया जाए तो रक्त शर्करा के स्तर को काफी हद तक कम किया जा सकता है। साथ ही गिलोय में पाचन क्रिया बढ़ाने में वाले गुण भी पाए जाते हैं और इस कारण से भी डायबिटीज के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

5. डेंगू से बचाव में सहायक
गिलोय को औषधीय गुणों का भंडार माना जाता है। इसमें कई ऐसे रसायन होते हैं, जिनके कारण यह इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव प्रदर्शित करता है। यह प्रभाव शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता देता है। इन बीमारियों में मलेरिया और डेंगू जैसे वायरल इंफेक्शन भी शामिल हैं 

6. अस्थमा की समस्या में सहायक
अस्थमा की समस्या में राहत पाने के लिए भी गिलोय के लाभ हो सकते हैं। माना जाता है कि इसमें शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ श्वास संबंधी समस्याओं जैसे अस्थमा के लक्षणों को कम करने की भी प्रबल क्षमता मौजूद होती है

7. गठिया की समस्या में राहत
गिलोय से फायदा गठिया की परेशानी में भी हो सकता है। विशेषज्ञों की मानें, तो गिलोय के गुण में एंटी-इंफ्लेमेटरी यानी सूजन को कम करने वाला प्रभाव होता है। साथ ही इसमें एंटी-अर्थराइटिक और एंटी-ऑस्टियोपोरोटिक यानी जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत दिलाने वाले प्रभाव भी होते हैं। ये तीनों प्रभाव संयुक्त रूप से गठिया की समस्या को दूर करने में सहायक माने जाते हैं। 

हालांकि, उपरोक्त बताए गए गिलोय के स्वास्थ्य लाभों में से कुछ अध्ययनों पर आधारित हैं, जबकि अन्य के बारे में कोई पुष्टि नहीं हो पाई है। साथ ही हर व्यक्ति की शारीरिक प्रकृति के अनुसार गिलोय की बेल का प्रभाव भी भिन्न हो सकता है।

8. यौन इच्छाओं को बढ़ाए
यौन इच्छाओं से जुड़ी समस्या में गिलोय की अहम भूमिका मानी जा सकती है। दरअसल, एक शोध में पाया गया है कि गिलोय में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी यानी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाला गुण मौजूद होता है। यह गुण शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता देने के साथ ऐफ्रडिजीएक (Aphrodisiac) प्रभाव के कारण यौन इच्छाओं को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है।

9. आंखों की समस्याओं में लाभकारी
आंखों से संबंधित विकारों से छुटकारा पाने के लिए भी गिलोय को इस्तेमाल में ला सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, इसमें पाया जाने वाला इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण आंखों के लिए भी फायदेमंद प्रभाव प्रदर्शित करता है। इस संबंध में किए गए एक अन्य शोध में बताया गया है कि गिलोय के गुण आंखों से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में सहायक साबित हो सकते हैं।

10. बढ़ती उम्र के प्रभाव को घटाए
गिलोय के उपयोग से बढ़ती उम्र के प्रभाव को घटाया जा सकता है। कई रासायनिक तत्वों की उपलब्धता के कारण गिलोय में एंटी-एजिंग प्रभाव भी मौजूद होते हैं। इस कारण यह सेहत संबंधी कई समस्याओं को दूर करने के साथ-साथ बढ़ती उम्र के प्रभाव को भी कम कर सकता है। इस कारण यह कहा जा सकता है कि संतुलित मात्रा में गिलोय का नियमित सेवन त्वचा को जवां बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभा सकता है।

गिलोय के नुकसान (Side effects of Giloy)
यदि सही मात्रा में गिलोय का सेवन किया जाए तो इसे स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह से सुरक्षित माना गया है। हालांकि, अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से इससे स्वास्थ्य में कुछ विषाक्त प्रभाव विकसित हो सकते हैं जिनमें निम्न शामिल हैं -

पेट व सीने में जलन
जी मिचलाना व उल्टी
पेट फूलना या दस्त
साथ ही कुछ लोग गिलोय से एलर्जिक हो सकते हैं और जब उनका शरीर इसके संपर्क में आता है, तो सांस लेने में दिक्कत, त्वचा के किसी हिस्से में खुजली या चकत्ते जैसे लक्षण विकसित होने लगते हैं।

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