कंडियारी, उन्नाव, बेर Zizyphus Vulgaris, Z. Sativa
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आयुर्वेद के अनुसार उन्नाव के इतने सारे फायदे हैं कि इसको कई बीमारियों के इलाज के लिए औषधि के रुप में प्रयोग में लाया जाता है। वैसे तो उन्नाव या बेर के बारे में ज्यादा लोगों को पता नहीं होगा क्योंकि बेर तो सब खाते हैं लेकिन इसके गुणों से लोग अनजान हैं। तो चलिये इसके बारे में आगे बात करते हैं कि उन्नाव है क्या और ये किन-किन बीमारियों के लिए लाभकारी है।
उन्नाव या बेर मीठे, ठंडे, भारी, वातपित्त कम करने वाले, कफ बढ़ाने वाले, मल को नरम करने वाला, शुक्राणु बढ़ाने वाला, बृंहण (Stoutning therapy) , स्निग्ध, दाह या जलन, रक्तविकार या रक्त संबंधी रोग, तृष्णा या प्यास, क्षत या छोटे-मोटे घाव-चोट, रक्तस्राव या ब्लीडिंग होता है। इसके सूखे फल कब्ज से राहत दिलाने में, भूख बढ़ाने वाला तथा लघु होते हैं। यह तृष्णा या प्यास, क्लान्ति (थकान) तथा रक्तविकार या रक्त संबंधी रोग में फायदेमंद होता है।
उन्नाव के फायदे (Ber Fruit Uses and Benefits )
उन्नाव को बेर (jujube fruit in hindi) भी कहते हैं। बेर तो पौष्टिक गुणों का भंडार होता है इसलिए इसको दवा के रुप में प्रयोग में लाया जाता है। चलिये आगे जानते हैं कि कैसे और किन-किन बीमारियों के लिए उन्नाव या बेर का उपयोग किया जाता है।
कंठशोध में लाभकारी बेर (Ber Fruit Benefits for Croup ) कंठशोध में बच्चों के श्वास नली के ऊपर की तरह सूजन आ जाती है जिसके कारण खांसी और गले में दर्द की समस्या होती है। उन्नाव (ber fruit in hindi)के तने की छाल का काढ़ा बनाकर गरारा करने से कण्ठशोथ में लाभ होता है। बेर का सही तरह से प्रयोग बेर के फायदे का पूरा लाभ मिलने में मदद करता है, इससे कंठशोध का इलाज बेहतर होता है।
टीबी के इलाज में फायदेमंद उन्नाव ( Benefit of Ber fruit in Tuberculosis )
टीबी की बीमारी संक्रामक होती है। इस बीमारी में मरीज को एहतियात बरतने की कोशिश करनी पड़ती है। टीबी में खांसी की परेशानी सबसे ज्यादा होती है। उन्नाव से बने काढ़े में तीन गुना चीनी मिलाकर उबाल लें। उससे बने शार्कर का 15-20 मिली मात्रा में सेवन करने से राजयक्ष्मा, खाँसी, रक्तपित्त (कान-नाक से खून बहना), युवान पिडका (मुँहासे) आदि विकारों या रोगों में लाभ (ber fruit benefits) होता है।
खांसी करे दूर बेर (Jujube to Treat Cough )
अगर मौसम के बदलाव के कारण खांसी से परेशान है और कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है तो उन्नाव से इसका इलाज किया जा सकता है। उन्नाव 2 भाग तथा कतीरा गोंद 1 भाग, इनके महीन चूर्ण में 4 भाग मिश्री तथा थोड़ा जल मिलाकर पकाएं। यह जब गोली बनाने लायक घना काढ़े जैसा हो जाय तो 250 मिग्रा की गोलियां बनाकर रख लें। 1-2 गोली सुबह शाम मुख में रखकर चूसने से खांसी तथा जुखाम में लाभ (ber fruit benefits)होता है।
अजीर्ण या अपच का करे उपचार उन्नाव (Ber fruit Benefit for Dyspepsia )
उन्नाव या बेर पेट के लिए लाभयदायक है. यह खाने को पचाने के साथ-साथ पित्त को भी शांत करने में मदद करता है। विशेषज्ञों के अनुसार बेर में लैक्सटिव का गुण पाया जाता है, इस वजह से इसे खाने से पेट साफ़ रहता है। बेर के फल का काढ़ा बनाकर सेवन करने से अपच, अम्लपित्त (Hyperacidity), दस्त और कब्ज में लाभ होता है।
शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है बेर (Ber Fruit Helps in Improving Immunity )
अगर आप बार-बार बीमार पड़ते हैं और मौसम में हल्का सा बदलाव होने पर भी आपको सर्दी-जुकाम हो जाता है तो इसका मतलब है कि आपकी इम्यूनिटी कमजोर है। ऐसे में आपको उन चीजों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक हों। विशेषज्ञों का मानना है कि बेर या उन्नाव में रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ाने वाले गुण होते हैं, इसलिए बेर का सेवन करना चाहिए।
अनिद्रा की समस्या दूर करता है उन्नाव (Unnao Fruit Helps in Treatment of Insomania )
अगर आप को रात में नींद नहीं आती और आप अनिद्रा की समस्या से परेशान हैं तो आप उन्नाव या बेर का उपयोग कर सकते हैं। उन्नाव या बेर का जूस अनिद्रा को दूर कर अच्छी नींद लाने में मदद करता है।
बवासीर में फायदेमंद बेर (Ber Fruit to Treat Piles )
अगर ज्यादा मसालेदार, तीखा खाने के आदि है तो पाइल्स के बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। उसमें उन्नाव (jujube fruit in hindi) का घरेलू उपाय बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। बेर के छाल से बने काढ़े का सेवन करने से तथा काढ़े से मस्सों को धोने से अर्श में लाभ होता है।
उपदंश में लाभकारी बेर (Ber Fruit Benefits in Chancre )
उपदंश मतलब जननांग यानि जेनिटल पार्ट्स में घाव जैसा हो जाता है, लेकिन इस घाव में दर्द नहीं होता है। 50 ग्राम उन्नाव को रात्रि के समय 500 मिली जल में भिगोकर सुबह छान कर थोड़ा शहद मिलाकर पीने से उपदंश में लाभ होता है।
अल्सर में बेर का उपयोग (Ber fruit Heals Ulcer )
कभी-कभी अल्सर का घाव सूखने में बहुत देर लगता है या फिर सूखने पर पास ही दूसरा घाव निकल आता है, ऐसे में बेर का इस्तेमाल बहुत ही फायदेमंद होता है। आयुर्वेद के अनुसार बेर में रोपण (Healing) का गुण पाया जाता है जिस वजह से यह घाव को जल्दी भरता है। इसके लिए बेर की छाल का काढ़ा बनाकर घाव को धोएं।
बिच्छू के काटने बेर का प्रयोग (Ber Fruit for Scorpian Bite)
बिच्छू के काटने पर उसके असर को कम करने में बेर मदद करता है। उन्नाव के पत्तों को पीसकर वृश्चिक या बिच्छू के काटे हुए स्थान पर बांधने से दंश के कारण दर्द तथा जलन आदि समस्याओं से राहत मिलती है।
उन्नाव का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए? (How to Use Ber Fruit?)
बीमारी के लिए बेर के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए बेर का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।